एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें व्यक्ति स्वयं ही अपने-आपमें एक ऐसी चुनौती के प्रति प्रतिबद्ध होता है कि वह अपने जीवन में कभी भी हस्तमैथुन नहीं करेगा और इतना ही नहीं बल्कि वह अश्लील साहित्य, अश्लील वेबसाइट के साथ ही पोर्न फिल्मों से भी अपने-आपको दूर रखेगा, ऐसी ही स्थिति में स्वयं को ढालने की प्रक्रिया को नोफैप कहते हैं.
जिन व्यक्तियों ने अपने जीवन में इस चुनौती को स्वीकार किया है उन लोगों का स्पष्ट रूप से यह मानना है कि अगर व्यक्ति पूरी दृढ़ता और पूर्ण आत्मविश्वास के साथ स्वयं को ऐसी स्थिति में ढालने के प्रति प्रतिबद्ध होता है तो वह पुरुषत्व की दृष्टि से पूरी तरह बहुत ही बेहतरीन स्थिति में अपने- आपको परिपूर्ण पाता है और उसमें अच्छे हार्मोन का भी संचार पर्याप्त मात्रा में होता है. कहने का तात्पर्य यह है कि इस चुनौती की स्वीकार्यता की वजह से उसे अपने-आपमें बड़ी ही सहजता से सुपर पावर की अनुभूति होने लगती है.
इस चुनौती को स्वीकार करने की वजह से व्यक्ति शारीरिक मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत ही बेहतरीन स्थिति को प्राप्त हो जाता है.
वह अपने-आपमें पूर्व की अपेक्षा बहुत ही ज्यादा ऊर्जान्वित महसूस करता है, हस्तमैथुन से मुक्ति मिलने पर वह स्वत: ही उदासियों के भंवर से निकल पाने में सक्षम हो जाता है, उसकी शर्मिंदगी भी धीरे-धीरे कम होने लगती है, उसका आत्मविश्वास भी अतिशय बढ़ जाता है जिससे उसका अन्तर्मन भी बहुत ही प्रफुल्लित रहता है.
अश्लील साहित्य और अश्लील वेबसाइट के वीडियोज को देखकर व्यक्तियों में हस्तमैथुन करने की प्रवृति घर कर जाती है और यह उसे अवसाद की स्थिति में लाकर खड़ा कर देता है परन्तु नोफैप इससे उबर पाने में व्यक्ति के लिए बहुत ही मददगार साबित होता है और चूंकि ज्यादा हस्तमैथुन से व्यक्ति एकाकी जीवन जीने का आदी हो जाता है इसलिए नोफैप की वजह से वह धीरे-धीरे ही सही अपने एकाकी जीवन से मुक्त होने लगता है और वह पारिवारिक व सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में भी दिलचस्पी लेने लगता है. इससे व्यक्ति में सकारात्मकता का भाव-बोध भी उत्पन्न होता है जिसकी वजह से वह किसी भी कार्य की सफलता हेतु आन्तरिक रूप से प्रेरित भी होने लगता है. कल्पनाओं की दुनियां से बाहर निकल कर वास्तविक दुनियां से भी उसका साक्षात्कार बहुत ही आसानी से होने लगता है.
बुरी आदतों को छोड़ने की वजह से उसका शारीरिक सौष्ठव भी बेहतरीन और आकर्षक होने लगता है. उसका चेहरा कांतिपूर्ण और त्वचा में भी निखार आने लगता है और इतना ही नहीं बल्कि नोफैप की वजह से उसकी मांसपेशियों में वृद्धि होने लगती है जिससे व्यक्ति की आन्तरिक स्थिति को स्वाभाविक रूप से काफी मजबूती प्राप्त होती है.
इस चुनौती को स्वीकार करने वाले व्यक्ति बेहतरीन रूप से व्यायाम कर पाने में भी सक्षम हो जाते हैं, उनकी आवाज पहले से ज्यादा प्रभावशाली और माधुर्य से ओत-प्रोत हो जाती है, अगर व्यक्ति पहले अत्यधिक सोता या अनिंद्रा की स्थिति में होता था तो नोफैप की वजह से उसे नींद में सन्तुलन प्राप्त होने लगता है और उसे सुखद नींद की भी प्राप्ति होने लगती है. जहां बुरी आदतों की वजह से वह लोगों से अपनी नजरें चुराया करता था वहीं नोफैप की वजह से बढ़े हुए आत्मविश्वास की बदौलत उसे किसी से अपनी नजरें मिलाने में भी कोई झिझक नहीं होती है और बढ़े हुए आकर्षण की वजह से महिलाओं का भी उसके प्रति आकर्षण बढ़ जाता है और अपने पुरुष मित्रों के साथ भी उसका व्यवहार पहले की अपेक्षा बहुत ही अच्छा हो जाता है. चूंकि उसकी जीवन-शैली काफी हद तक बेहतर हो जाती है इसलिए वह लैंगिक रूप में भी काफी मजबूत हो जाता है और सेक्स सम्बन्ध स्थापित करने की प्रक्रिया में भी उसका पौरूषेय गुण काफी देर तक उसका साथ देने योग्य हो जाता है जिससे उसके चेहरे में ओज और तेज का स्वाभाविक रूप से समागम हो जाता है.
नोफैप की चुनौती को स्वीकार करने के पश्चात व्यक्ति के जीवन में आमूल परिवर्तन देखने को मिलता है. बहुत ही स्वाभाविक रूप से वह दीर्घायु भी होते हैं और वह सुदीर्घ काल तक ऊर्जावान भी बने रहते हैं, मौसमी बीमारियां उनसे कोसों दूर रहती हैं और किसी भी प्रकार की गम्भीर बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता भी पहले की अपेक्षा बहुत ज्यादा विकसित हो जाती है. वह अपने प्रोफेशनल लाइफ में भी काफी बेहतर परफॉर्म करते हैं. चूंकि उनका शरीर सदैव ऊर्जावान बना रहता है इसलिए उनकी मानसिक प्रसन्नता में कभी भी कोई कमी नहीं आती है और वह अपनी बात को भी काफी प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर पाने में सक्षम हो जाते हैं.
इस चुनौती को स्वीकार करने के बाद व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य बहुत ही बेहतरीन स्थिति में रहता है इसलिए उन्हें अपने जीवन के उतार-चढ़ाव में भी किसी खास परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है और मानसिक रूप से मजबूत होने की वजह से कायरता इन्हें छू तक नहीं पाती है और निराशा और अवसाद जैसी स्थितियां इनके पास तक नहीं फटकती हैं तथा इसके साथ ही इनका सामाजिक सरोकार भी अन्यों की अपेक्षा बहुत ही अच्छा होता है. इसका मुख्य कारण उनका प्रभावी व्यक्तित्व और दूसरों के प्रति सहानुभूति रखने का भाव जो उनमें सहज रूप से काफी विकसित हो जाता है और किसी भी प्रकार के दुरात्मक भाव से भी यह बहुत हद तक दूर ही रहते हैं तथा किसी के भी प्रति प्रेम का भाव इनके मन में बहुत ही सहज रूप में प्रस्फुटित होते रहते हैं.
अब एक बहुत ही स्वाभाविक प्रश्न यह उठता है कि व्यक्ति नॉफैप की प्रक्रिया की शुरुआत अपने जीवन में कैसे कर सकता है और इतना ही नहीं बल्कि इसे अनवरत रूप से जारी कैसे रख सकता है? तो इसके लिए व्यक्ति को इसके प्रति सर्वप्रथम पूर्ण आत्मविश्वास के साथ ही दृढ़ प्रतिज्ञ भी होना नितान्त आवश्यक है.
इसके लिए व्यक्ति को यह मानकर चलना चाहिए कि इसकी चुनौती को स्वीकार करने की प्रक्रिया उतनी भी आसान नहीं है, विशेष रूप से वैसे व्यक्ति के लिए जो हस्तमैथुन, अश्लील साहित्य और अश्लील विडियोज को देखने के आदी हैं और अपने जीवन में बारम्बार ऐसा करते हैं. बावजूद इसके अगर वह अपने जीवन में इस चुनौती को स्वीकार करने के प्रति सचेष्ट हैं तो उन्हें इसके शुरुआती दिनों में काफी मुश्किलों का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना पड़ेगा ताकि वह किसी भी परिस्थिति में अपनी इन बुरी आदतों को दुहराने से बाज आएं क्योंकि यह निश्चित है कि शुरुआती दिनों में उसे उसकी बुरी आदतें मानसिक रूप से अपनी ओर आकर्षित करने का भरपूर प्रयत्न करेंगी परन्तु उसे इस आकर्षण पाश से खुद को बचाए रखने की पुरजोर कोशिशें करनी पड़ेंगी तभी उसकी चुनौती सार्थक परिणाम दे पाने में कामयाब हो सकेगी.
अगर किसी व्यक्ति को साप्ताहिक हस्तमैथुन करने की आदत है और वह साप्ताहिक हस्थमैथुन नहीं करता है तो उसे यह तलब बहुत ही बुरी तरह परेशान करेगी परन्तु यहां उसका यही दायित्व बनता है कि वह किसी प्रकार अपनी तलब पर नियन्त्रण पाए जो वह स्वयं ही कर सकता है और कोई अन्य व्यक्ति इसमें उसकी कोई भी मदद किसी भी प्रकार नहीं कर सकता है. व्यक्ति के दिमाग में विभिन्न प्रकार के विचार उत्पन्न होंगे और वह उसे ऐसा करने पर मजबूर भी करेंगे परन्तु उसे अपनी चुनौतियों को सार्थकता प्रदान करनी है तो उसे इस पर विजय प्राप्त करने हेतु मानसिक रूप से काफी मजबूत होने की आवश्यकता होगी और पूरी दृढ़ता के साथ इसका सामना भी करना होगा और व्यक्ति को यह भी ध्यान रखना होगा कि ऐसी परिस्थितियां बारम्बार आएंगी परन्तु इसका मुकाबला पूरी शिद्दत के साथ उसे करना ही होगा और तभी जाकर वह इसमें सफल हो पाएगा.
नोफैप की निरंतरता को जारी रखने के लिए सबसे बेहतरीन तरीका यह है कि व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में अपने-आपको एडल्ट कंटेंट से दूर रहना ही होगा. पोर्न वीडियोज, अश्लील चित्र और अश्लील कहानियां आदि से जुड़ी हुई ऐसी कोई भी चीज जो उसे कामुकता की ओर धकेलने में कामयाब होती है उससे दूर रहना ही उसके लिए श्रेयस्कर होगा. ऐसा सम्भव नहीं है कि एक ओर तो वह अश्लीलता से जुड़ी हुई चीजों से भी दो-चार होता रहे और साथ में नोफैप भी करने की प्रक्रिया में शामिल रहे. यहां ध्यान देने योग्य विशेष बात यह भी है कि अगर नोफैप करना है तो इन सभी चीजों को निश्चित रूप से छोड़ना ही पड़ेगा और तभी जाकर यह सम्भव हो पाएगा क्योंकि अश्लीलता तो वैसे भी व्यक्ति के मस्तिष्क को बहुत ही बुरी तरह भटकाती ही है और इतना ही नहीं बल्कि वह व्यक्ति के लक्ष्य को भी उससे दूर कर देती है, अतः इससे बचने की नितान्त आवश्यकता है तभी जाकर व्यक्ति नोफैप करने की दिशा में कामयाब हो सकता है.
जब व्यक्ति को नोफैप करने की प्रक्रिया में शामिल होते हुए एक से दो महीने की अवधि बीत जाती है तो व्यक्ति पर नकारात्मक विचारों का असर लगभग मृतप्राय हो जाता है और वह सकारात्मक विचारों से भर उठने की प्रक्रिया में कामयाब होने लगता है. उसकी शारीरिक स्थितियों में बदलाव होना शुरू हो जाता है और वह अन्यों को भी नजर आने लगता है. हालांकि, इस बीच ऐसी भी संभावनाएं हो सकती हैं कि व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाए, उसे सिरदर्द की शिकायत भी हो सकती है, उसका किसी भी काम में मन न लगे, वह छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होने लग जाए और कुछ भी ऐसा करने की कोशिश करे जिससे उसे तात्कालिक रूप से अच्छा लग सके और ऐसे में वह कहीं हस्तमैथुन ही न कर बैठे जिसके चक्कर में वह नोफैप की प्रक्रिया में अपनी चुनौती को तिलांजलि दे बैठे तो ऐसी स्थिति से बचने के लिए उसे चाहिए कि वह प्रतिदिन नियमित रूप से योग और ध्यान को अपनी जीवन-शैली में अपनाने का भरपूर प्रयास करे क्योंकि योग और ध्यान व्यक्ति के मन को भटकने से रोकने में पूरी तरह मददगार साबित होते हैं.
इसके अतिरिक्त व्यक्ति को यह भी चाहिए कि वह पौष्टिक आहार को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करे क्योंकि पौष्टिक आहार व्यक्ति के शरीर को बहुत ही बेहतर बनाता है तथा योग और ध्यान करने से व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है जिसकी वजह से व्यक्ति की आन्तरिक ऊर्जा का स्तर भी बहुत ही बेहतरीन हो जाता है और यह सब-कुछ व्यक्ति को अन्दर से काफी हद तक मजबूती प्रदान करता है अतः व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने जीवन में प्रतिदिन नियमित रूप से योग और ध्यान को प्राथमिकता दे परन्तु इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखे कि शुरुआत में वह इसे पांच से दस मिनट तक ही करे और धीरे-धीरे इसकी अवधि को बढ़ाए जिसका परिणाम यह होगा कि यह व्यक्ति की अच्छी आदतों में शुमार हो जाएगा और सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसके लिए व्यक्ति को कोई खास मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी.
कहने का तात्पर्य यह है कि नोफैप की निरंतरता को जारी रखने के लिए व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने अन्दर के आत्मविश्वास को जगाए और पूरी तरह दृढ़ प्रतिज्ञ होकर इसको चुनौती के रूप में ले और पूरी शिद्दत के साथ इसकी शर्तों का मानसिक रूप से पालन करे तो उसे निश्चित ही इसका फायदा महसूस होने लगेगा और इतना ही नहीं बल्कि वह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से भी स्वयं में काफी हद तक बेहतरीन रूप से पूर्ण पुरुष होने का अनुभव कर पाएगा. पुरुष यौन समस्याओं से संबंधित परामर्श के लिए हमारी वेबसाइट पर जाएं: https://www.draroras.com/
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