व्यक्ति के जीवन में स्तम्भन दोष और शीघ्रपतन यौन-रोगों से सम्बंधित एक ऐसी जटिल समस्या है जिसकी वजह से व्यक्ति को अपने-आपमें अत्यन्त ही शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है और इतना ही नहीं, वह अपने पार्टनर के सामने भी कम आत्मसम्मान और हीन भावना से ग्रसित हो जाता है, जिससे उसका यौन-जीवन अत्यन्त ही दुख:दाई हो जाता है.
आज के इस दौर में सम्पूर्ण विश्व की अधिकांश आबादी स्तम्भन दोष और शीघ्रपतन जैसे इस गम्भीर यौन-रोग की समस्या से पीड़ित है परन्तु कोई भी व्यक्ति खासकर भारत में इस समस्या पर अनावश्यक झिझक के साथ ही सामाजिक और पारिवारिक शर्मिंदगी की वजह से इस विषय पर खुलकर किसी के भी साथ किसी भी परिस्थिति में बात करना पसन्द नहीं करता. यहां तक कि वह अपने पार्टनर के साथ भी इस बात को साझा करने में ग्लानि का अनुभव करता है जो उसके दाम्पत्य जीवन के लिए किसी भी दृष्टि से अनुकूल नहीं है जिससे उसकी यह समस्या और भी जटिल से जटिलतर होती चली जाती है और इसका दुष्परिणाम यह होता है कि उसका यौन-जीवन कंटकाकीर्ण हो जाता है तथा आपसी रिश्तों पर भी इसका बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है.
हालांकि, व्यक्ति के जीवन में बढ़ती हुई उम्र के साथ ऐसी समस्याओं का शिकार होना एक आम बात है परन्तु इस समस्या की अनदेखी करना किसी भी दृष्टि से उपयुक्त नहीं है इसलिए व्यक्ति को चाहिए कि वह समय रहते इस गम्भीर समस्या से निजात पाने की दिशा में कोई सार्थक प्रयास करने का प्रयत्न करे ताकि वह इस समस्या से मुक्त होकर अपने पार्टनर के साथ अपने यौन-जीवन का भरपूर आनन्द प्राप्त कर सके.
वैसे तो आमतौर पर स्तम्भन दोष और शीघ्रपतन की समस्याएं व्यक्ति के जीवन की दो अलग-अलग प्रकार की समस्याएं हैं परन्तु इन दोनों का आपस में काफी हद तक अन्योन्याश्रय सम्बन्ध भी है या यों कहें कि यह समस्याएं आपस में बहुत ही करीब से जुड़ी हुई होती हैं और इतना ही नहीं, इन दोनों ही के कारणों में काफी समानताएं भी होती हैं. क्योंकि स्तम्भन दोष और शीघ्रपतन के प्रमुख कारणों में अनावश्यक चिन्ता, तनाव और अवसाद के साथ ही आपसी रिश्ते और अन्य मनोवैज्ञानिक कारण भी मुख्य रूप से जिम्मेदार होते हैं.
कई बार तो स्तम्भन दोष की वजह से भी शीघ्रपतन हो जाता है क्योंकि स्तम्भन दोष से पीड़ित व्यक्ति अपनी लैंगिक कठोरता के अभाव में अक्सर अनावश्यक रूप से चिन्तित रहा करता है और परिणाम यह होता है कि वह शीघ्र ही स्खलित हो जाता है और इतना ही नहीं, समय के साथ ही व्यक्ति इस समस्या का बहुत ही बुरी तरह शिकार हो जाता है और यही उसकी जीवन-शैली बन जाती है जो किसी भी दृष्टि से व्यक्ति के यौन-जीवन के लिए सही नहीं होती है और उसका दाम्पत्य जीवन नेस्तनाबूद हो जाता है.
यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि अब जबकि यह ज्ञात हो गया है कि व्यक्ति स्तम्भन दोष और शीघ्रपतन जैसे गम्भीर यौन-रोग की समस्या से ग्रसित हो गया है तो उसे चाहिए कि वह अज्ञात सामाजिक और पारिवारिक भय के साथ ही कम आत्मसम्मान और अनावश्यक झिझक को तिलांजलि देते हुए इस गम्भीर रोग से निजात पाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए और इसके लिए उसे चाहिए कि वह सर्वप्रथम अपने पार्टनर को अपने विश्वास में ले और फिर किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से तत्काल सम्पर्क स्थापित करे और उनसे अपनी समस्याओं के बारे में निःसंकोच होकर उन्हें बताए क्योंकि यह एक ऐसा गम्भीर यौन-रोग है जिससे वह अपने अनुभवों से निजात दिलाने में अपनी विशिष्ट भूमिका का निर्वाह कर व्यक्ति को उसकी समस्याओं से मुक्त कर सकें.
यहां ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि जैसे ही कोई व्यक्ति अपने-आपको स्तम्भन दोष और शीघ्रपतन की समस्या से ग्रसित महसूस करे उसे चाहिए कि वह बगैर विलम्ब किए अपनी समस्याओं से निजात पाने के लिए किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क साधने का प्रयास करे ताकि समय रहते उसका उचित इलाज सम्भव हो सके क्योंकि इस गम्भीर रोग का उचित समय पर इलाज करवाना अत्यन्त ही आवश्यक है और उचित समय पर इलाज करवाने से आपके यौन-स्वास्थ्य में अनुकूल सुधार की सम्भावना भी काफी प्रबल हो जाती है.
जब व्यक्ति किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क स्थापित करता है तो वह उसका शारीरिक और मानसिक उपचार भी करता है और इसके साथ ही वह उसकी जीवन-शैली में भी कुछ आवश्यक मूलभूत सुधार करने का भी सुझाव देता है जिससे उसमें रोग से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है और व्यक्ति का उपचार आसान हो जाता है.
एक कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ व्यक्ति को अपेक्षित दवाओं के साथ ही उसे यह भी निर्देशित करता है कि वह अत्यधिक शराब का सेवन, अत्यधिक धूम्रपान, ड्रग्स, प्रतिबंधित दवाओं के सेवन से अपने-आपको बचाए रखने का भरपूर प्रयास पूरी शिद्दत और मानसिक दृढ़ता के साथ करे क्योंकि असंतुलित जीवन-शैली, असंयमित आहार-व्यवहार, अनावश्यक तनाव और व्यर्थ चिन्ता करने की वजहों से भी व्यक्ति इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाता है. इतना ही नहीं, वह व्यक्ति को अत्यधिक मोटापा, मधुमेह, हृदय से सम्बंधित समस्याओं, उच्च रक्तचाप और मानसिक अवसाद से भी बचने की सलाह देता है क्योंकि इन वजहों से भी व्यक्ति अनावश्यक रूप से इस गम्भीर रोग की गिरफ्त में आ जाता है. जैसा कि सभी व्यक्ति इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि यौन-रोगों में स्तम्भन दोष और शीघ्रपतन पुरुषों में होनेवाला एक अत्यन्त ही महत्वपूर्ण रोग है जो व्यक्ति को अन्दर-ही-अन्दर खोखला कर देता है और इस वजह से उसकी जिन्दगी नीरस हो जाती है.
आमतौर पर यह भी देखा जाता है कि विभिन्न शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कारणों की वजह से भी व्यक्ति स्तम्भन दोष और शीघ्रपतन जैसे गम्भीर यौन-रोग की चपेट में आ जाता है और वह लैंगिक रूप से उत्तेजित नहीं हो पाता है. अतः ऐसे में यह भी सम्भव है कि व्यक्ति कभी किसी मनोवैज्ञानिक आघात का शिकार हुआ हो, उसका अपने पार्टनर के साथ आपसी रिश्तों में अनुकूल सामंजस्य न हो जिसके कारण उसके जीवन में आपसी मानसिक संतोष का अभाव हो, किसी विशेष कारणवश पारिवारिक व सामाजिक दबाव की वजह से उत्पन्न अनावश्यक तनाव और चिंता से व्यक्ति अवसादग्रस्त हो गया हो तो ऐसी स्थिति में उसे चाहिए कि वह तत्काल इसके उपचार हेतु किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करे जिससे उसे इस गम्भीर रोग से मुक्ति हेतु सकारात्मक मार्गदर्शन प्राप्त हो सके और वह अपनी समस्या से निजात पा सके जो उसके यौन-जीवन के लिए अत्यन्त आवश्यक है और वह भी अपने पार्टनर के साथ अपने यौन-जीवन में भरपूर आनन्द प्राप्त कर अपना जीवन खुशहाली के साथ जीने में कामयाब हो सके.
यहां एक और महत्वपूर्ण बात पर ध्यान देने की नितान्त आवश्यकता है कि व्यक्ति में स्तम्भन दोष और शीघ्रपतन की समस्या तभी घर करती है जब व्यक्ति अनावश्यक रूप से अक्सर अनचाहे तनाव में होता है, जरूरत से ज्यादा व्यस्त होता है या अतिशय थकान की वजह से यौन-सम्बंध स्थापित करने के मूड में नहीं होता है और इतनी विषम परिस्थितियों के बावजूद अपने पार्टनर की इच्छाओं का सम्मान रखने के लिए विवशतावश वह फोरप्ले के सहारे एक-दूसरे को उत्तेजित करने का असफल प्रयास करता हुआ इंटरकोर्स के लिए अनवरत संघर्ष करता है, परन्तु फिर भी उसके लिंग में पर्याप्त कठोरता उत्पन्न नहीं होती है तो उसे चाहिए कि वह अविलंब किसी कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सम्पर्क करे क्योंकि यही वह सही समय होता है जब उसके लिए ऐसा करना नितान्त आवश्यक हो जाता है. इसके साथ-ही-साथ व्यक्ति को यह भी चाहिए कि वह स्वयं के स्तर पर भी धूम्रपान का त्याग कर, अपनी दिनचर्या को संयमित कर, संतुलित व स्वस्थ आहार-व्यवहार को अपनी जीवन-शैली में शामिल कर अपने-आपको शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से सक्रिय करने का प्रयास करे और इतना ही नहीं, नियमित रूप से प्रतिदिन योग और व्यायाम करे, गम्भीर रोगों पर नियन्त्रण पाने का भरपूर प्रयास करे और सुखद नींद की प्राप्ति हेतु किए जाने वाले उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करे तो यह बहुत हद तक सम्भव है कि व्यक्ति प्रारम्भिक रूप से इस बीमारी से निजात पा सकता है परन्तु यहां इस बात पर भी ध्यान देना आवश्यक है कि इस बीमारी की गम्भीरता की वजह से इसके लिए एक कुशल यौन-रोग विशेषज्ञ से सलाह व परामर्श लेना भी नितान्त रूप से आवश्यक है, क्योंकि उनकी सलाह आपको अपनी जिन्दगी में एक बार फिर से एक नए रस से सराबोर कर उसे खुशनुमा बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर सकेगी और आप पुनः अपनी जिन्दगी में यौन-सुख का भरपूर रूप से परम आनन्द प्राप्त कर पाने में कामयाब हो पाएंगे.
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