हमारा भारतीय समाज आज भी अनगिनत रूढ़ियों और पूर्वाग्रहों में आबद्ध है. इतना ही नहीं, जिस विषय पर वह अपने ज्ञान से सम्पूर्ण विश्व का मार्गदर्शन करता है, उसी ज्ञान की परिधि में जब स्वयं को जोड़ने की बात आती है तो वहां वह रूढ़ियों के बन्धन से मुक्त नहीं हो पाता है. और बात जब यौन-शिक्षा की हो तो एक अज्ञात सा अभेद्य सन्नाटा ही पसर जाता है.
यौन-शिक्षा :-
* कामशास्त्र की रचना भारतीय भूमि पर ही महर्षि वात्स्यायन ने की.
* भारत के ही खजुराहो में मन्दिर के बाहर नग्नावस्था में काम-क्रिया में लिप्त मूर्तियों की पच्चीकारी की गई है.
* भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां भगवान शंकर का विग्रह मानकर लिंग की पूजा होती है.
* भारत में हम आज भी सेक्स पर खुलकर बात करने में झिझकते हैं.
भारत की भूमि पर ही महर्षि वात्स्यायन ने कामशास्त्र की रचना की. भारत के ही खजुराहो में मन्दिर के बाहर नग्नावस्था में काम-क्रिया में लिप्त मूर्तियों की पच्चीकारी की गई है जो अनायास ही किसी का भी ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कर लेती है और जिसे देखने के लिए देश-विदेश से आए हुए सैलानियों का जमावड़ा सदैव लगा रहता है परन्तु भारत के ही खजुराहो में मन्दिर के बाहर नग्नावस्था में काम-क्रिया में लिप्त मूर्तियों की पच्चीकारी की गई है
सम्पूर्ण विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां भगवान शंकर का विग्रह मानकर लिंग की पूजा होती हैभारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां भगवान शंकर का विग्रह मानकर लिंग की पूजा होती हैभारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां भगवान शंकर का विग्रह मानकर लिंग की पूजा होती है परन्तु भारत देश में ही हम आज भी सेक्स पर खुलकर बात करने में झिझकते हैं.
भारतीय समाज में आज भी सेक्स के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए जितनी भी चर्चाएं होती हैं वह दबी जुबान से ही होती हैं, बावजूद इसके कि इसकी चर्चा तो खुले मंच से सार्वजनिक रूप से होनी चाहिए जिसकी नितान्त आवश्यकता है.
वर्ष 1994 में जनसंख्या और विकास पर संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, जिसमें भारत भी शामिल था, उसमें किशोरों और युवाओं के यौन और प्रजनन अधिकारों की पुष्टि की गई थी. इस सम्मेलन में यह बात उभर कर सामने आई कि किशोरों और युवाओं को सेक्स से संबंधित सभी मामलों पर स्वतंत्र रूप से सक्षम होने के लिए, उन्हें सेक्स की जानकारी हेतु व्यापक शिक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है.
इस क्रम में भारत सरकार ने 2007 में किशोर शिक्षा कार्यक्रम की शुरूआत तो की परन्तु कार्यक्रम की सामग्री को अनुचित बताते हुए इसका बड़ा ही व्यापक विरोध हुआ और परिणाम यह हुआ कि अधिकांश राज्यों ने इस कार्यक्रम पर प्रतिबंध लगा दिया गया.
भारत में आज भी यह प्रश्न अनुत्तरित है कि क्या हम बिना किसी आशंका के सेक्स से संबंधित विषयों पर स्वतंत्र रूप से कुछ भी अभिव्यत कर सकते हैं? कतिपय अज्ञात संकोच के कारण आज भी ऐसा सम्भव नहीं है.
यौन-शिक्षा क्यों आवश्यक है :-
* यौन-स्वास्थ्य सुचारू रूप से संचालित हो, इसके लिए सेक्स से संबंधित ज्ञान होना आवश्यक है.
* किशोरावस्था के दौरान ही इसकी जानकारी आवश्यक है.
* किशोरावस्था में ही व्यक्ति को शरीर में विकासात्मक परिवर्तन का अनुभव होता है.
* यही वह समय है जब व्यक्ति वयस्क होने की प्रक्रिया में प्रवेश करता है.
आजीवन यौन-स्वास्थ्य सुचारू रूप से संचालित हो सके इसके लिए सेक्स से संबंधित सभी विषयों पर विस्तृत ज्ञान होना नितान्त आवश्यक है.यौन-स्वास्थ्य सुचारू रूप से संचालित हो सके इसके लिए सेक्स से संबंधित सभी विषयों पर विस्तृत ज्ञान होना नितान्त आवश्यक है. किशोरावस्था के दौरान इसकी जानकारी इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि यही वह उम्र है जब व्यक्ति को शरीर में विकासात्मक परिवर्तन का अनुभव होता है व्यक्ति को शरीर में विकासात्मक परिवर्तन का अनुभव होता है और व्यक्ति वयस्क होने की प्रक्रिया में प्रवेश करता है.
यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इस समय में उनके शरीर में होनेवाले परिवर्तनों के बारे में उन्हें सही जानकारी प्राप्त हो और यह तभी संभव है जब उन्हें यौन-शिक्षा की जानकारी ठीक उसी प्रकार दी जाए जैसे अंग्रेजी, गणित, विज्ञान के साथ ही अन्यान्य विषयों की दी जाती है.
किशोर और किशोरियों को पीरियड्स के बारे में भी सब-कुछ जानने-समझने की नितान्त आवश्यकता है ताकि लड़कियां इसे प्रकृति की सामान्य भूमिका के रूप में स्वीकार करना सीख सकें और इस संवेदनशील मुद्दे के प्रति वह मानसिक रूप से भी अपने आपको तैयार कर सकें.
यौन-शिक्षा की प्रमुख विशेषताएं :-
* यौन-शिक्षा वैसे ही दी जाए जैसे अंग्रेजी, गणित, विज्ञान के साथ ही अन्यान्य विषयों की दी जाती है.
* यौन-शिक्षा युवाओं को अधिक जिम्मेदार बनाएगी.
* युवा यौन संबंध बनाने का निर्णय पूरी जानकारी के साथ ले सकेंगे.
* यौन संचारित रोगों से भी मुक्ति की संभावना बलवती रहेगी.
यौन-शिक्षा युवाओं को अधिक जिम्मेदार बनाएगी और वह यौन संबंध बनाने का निर्णय पूरी जानकारी के साथ ले सकेंगे और इतना ही नहीं वह इसका चरम आनंद भी प्राप्त कर सकेंगे.
सेक्स के बारे में जानकारी उन्हें सेक्स से संबंधित सभी मुद्दों के बारे में भी जागरूक करेगी जिससे उन्हें सुरक्षित सेक्स के प्रति भी जानकर होने का मौका मिलेगा और यौन संचारित रोगों से भी मुक्ति की संभावना बलवती रहेगी.
इन सभी बिन्दुओं को दृष्टि में रखकर एक बात तो निर्विवाद रूप से सत्य है कि किशोरावस्था से ही अन्य विषयों की तरह यौन-शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान सुनिश्चित किया जाए ताकि किशोर उम्र के लोग इसे बेझिझक होकर बड़े ही सहज रूप में स्वीकार कर सकें और साथ-ही-साथ इसके गुण-दोष से भी परिचित हो सकें क्योंकि सेक्स के बारे में आधा-अधूरा ज्ञान अंततः खतरनाक ही सिद्ध हो सकता है और इन्हीं सब कारणों की वजह से यौन-शिक्षा आज समय की मांग हो गई है जिससे इनकार नहीं किया जा सकता है.
बहुत से पुरुषों को अपने प्राइवेट पार्ट और प्राइवेट समस्याओं के बारे में डॉक्टर से बात करना शर्मिंदगी लगता है लेकिन आप अकेले नहीं है आज के समय में कई पुरुष हैं जो सेक्स समस्याओं पर खुलकर डॉक्टर्स से बात करते हैं। ऐसी समस्याओं में चुप रहना बाद में किसी बड़ी समस्या से गुजरना और भी परेशानी भरा हो सकता है। इसलिए अपनी समस्या का इलाज पाने के लिए आपको बस इन दिए गए 919310123344 / +919357738797 / +919781078210 इन नंबरों पर कॉल कर करना हैं। ताकि हम हमारे गुप्त रोग विशेषज्ञ के साथ आपकी अपॉइंटमेंट बुक करवा सकें।
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